रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका और नेटो नॉर्ड स्ट्रीम एक और दो पाइपलाइन को नष्ट करने की मंशा रखते हैं।
रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ाखारोवा ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जॉली के साथ प्रेस कॉन्फ़्रेंस में जो कुछ भी कहा उससे अमेरिकी मंशा स्पष्ट हो गई है।
टेलिग्राम पर मारिया ने कहा कि ब्लिंकन बिना हिचक के कह रहे हैं कि अमेरिका और नेटो नॉर्ड स्ट्रीम एक और दो गैस पाइपलाइन को तबाह करने की मंशा रखते हैं।
मारिया ने टेलिग्राम पर लिखा है, ''ब्लिंकन ने कहा कि पाइपलाइन से यूरोप में गैस नहीं जा रही है। नॉर्ड स्ट्रीम दो को यूरोप में गैस भेजने के लिए अनुमति नहीं है। नॉर्ड स्ट्रीम एक को रूस ने एक हफ़्ते पहले ही रोक दिया था। ब्लिंकन ने कहा कि रूस ऊर्जा ज़रूरतों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।''
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, ''रूस ने कभी ऊर्जा को हथियार के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया। अभी रूस और पहले सोवियत संघ यूरोप को गैस देते रहे हैं। इसमें कभी कोई रुकावट नहीं आई। पिछले 50 सालों से इस मुद्दे पर अमेरिका झूठ बोलता रहा है।''
नॉर्ड स्ट्रीम एजी कंपनी ने कहा है कि 26 सितंबर 2022 को पाइपलाइन को ज़्यादा नुक़सान पहुँचाया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन के पास दो धमाके हुए थे। डेनिश न्यूज़ एजेंसी ने कहा था कि बड़ी मात्रा में गैस समंदर में लीक हुई है। इसके आसपास के इलाक़ों में शिप की आवाजाही रोक दी गई है।
नॉर्ड स्ट्रीम दो क़रीब 1,200 किलोमीटर लंबी यह गैस पाइपलाइन परियोजना बाल्टिक सागर से होकर पश्चिमी रूस से उत्तर-पूर्वी जर्मनी तक जाती है।
इस परियोजना के ज़रिए रूस से जर्मनी जाने वाली प्राकृतिक गैस की सप्लाई को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया। वर्तमान में रूस से जर्मनी जाने वाली गैस 'नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन' होकर जाती है, जिसे 2012 में बनाया गया था।
यदि यह परियोजना सफल हो जाएगी, तो इस पाइपलाइन से जर्मनी को हर साल 55 अरब घन मीटर गैस की सप्लाई हो सकेगी। इस परियोजना की मालिक रूस की सरकारी गैस कंपनी 'गज़प्रोम' है। लेकिन अब सब अधर में लटक गया है और जर्मनी दूसरे विकल्प की तलाश में है।
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