भारत में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा ज़िले के हंदवाड़ा में हुए चरमपंथियों के साथ मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारियों समेत आर्मी और जम्मू-कश्मीर पुलिस के पाँच जवान मारे गए हैं।
मारे गए सुरक्षाबलों में आर्मी के एक कर्नल और एक मेजर हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर और दो आर्मी के जवान हैं। इस मुठभेड़ में दो चरमपंथी भी मारे गए हैं। मुठभेड़ शनिवार शाम में 3:30 बजे शुरू हुई थी। मारे गए लोगों में 21 राष्ट्रीय राइफल के कमांडिंग आर्मी ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज, एक लांस नायक और एक राइलफल मैन के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के सब इंस्पेक्टर शकील क़ाज़ी शामिल हैं।
कर्नल शर्मा को दो वीरता के सम्मान मिले थे। अतीत में उन्होंने कई सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया था।
बीबीसी के सहयोगी पत्रकार माजिद जहाँगीर ने सुरक्षा बल के जनसंपर्क अधिकारी के हवाले से बताया है कि चरमपंथी हंदवाड़ा के चांगिमुल में एक मकान के लोगों को अपने कब्जे में रखे हुए थे और उस मकान का इस्तेमाल छिपने में कर रहे थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस और आर्मी की संयुक्त कार्रवाई के तहत इस मकान पर छापा मारा गया था।
आर्मी के बयान में कहा गया है कि उन्हें ख़ुफ़िया एजेंसी से इस बारे में सूचना मिली थी। बयान के मुताबिक मकान पर छापा मारने वाले दस्ते में आर्मी और जम्मू-कश्मीर पुलिस के पांच जवान शामिल थे।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है। राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, ''सैन्य कार्रवाई में शामिल जिन सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों की जान गई है उन्हें श्रद्धांजलि। जिन परिवारों ने अपने लोगों को खोया है उनके साथ मेरी संवेदना है। इन बहादुर शहीदों के परिवारों के साथ भारत कंधे से कंधे मिलाकर खड़ा है।''
राजनाथ सिंह ने अगले ट्वीट में कहा है, ''हंदवाड़ा में सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों की मौत बहुत ही दुखद है। इन्होंने आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में अनुकरणीय बहादुरी दिखाई है। वतन की रक्षा में इन्होंने जान तक की बाजी लगा दी। हम इनकी बहादुरी और शहादत को कभी नहीं भूलेंगे।''
कब्जे में लिए गए लोगों को छुड़ाने के लिए सुरक्षा बल के ये जवान उस इलाक़े में आए। सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन के दौरान फंसे हुए लोगों को तो छुड़ा लिया लेकिन चरमपंथियों की ओर से हुए भारी गोलीबारी में सुरक्षा बलों को जान भी गंवानी पड़ी।
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