एमिरेट्स एयरलाइंस के अध्यक्ष सर टिम क्लार्क ने कहा है कि एमिरेट्स एयरलाइंस आने वाले दिनों में कोरोना वायरस संकट की वजह से कम से कम 9000 नौकरियों में कमी लाने जा रही है।
ये पहला मौका है जब दुनिया की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनी ने ये बताया है कि वह कितने लोगों को नौकरी से निकालने जा रही है।
ये संकट सामने आने से पहले एमिरेट्स एयरलाइंस में 60 हज़ार लोग काम करते थे।
सर टिम क्लार्क ने कहा है कि एयरलाइंस ने पहले ही अपने दस प्रतिशत कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया है। लेकिन हमें शायद अपने कुछ और कर्मचारियों को बाहर निकालना पड़े, शायद कुल 15 फीसदी कर्मचारियों को।
वैश्विक उड्डयन उद्योग कोरोना वायरस की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुआ है क्योंकि बीते कई महीनों तक काम बिलकुल ठप्प रहा है।
बीबीसी के साथ एक इंटरव्यू में सर टिम क्लार्क ने कहा था कि उनकी एयरलाइंस पर दूसरी एयरलाइंस कंपनियों जितना बुरा असर नहीं पड़ा है।
टिम क्लार्क ने कहा था कि एमिरेट्स के लिए ये साल सबसे अच्छे सालों में से एक होने जा रहा था लेकिन एमिरेट्स की वर्तमान स्थिति बताती है कि एमिरेट्स को होने वाली कमाई में भारी गिरावट आई है।
विमानन क्षेत्र में कम होती नौकरियों की वजह से एमिरेट्स कंपनी के कर्मचारी भी आने वाले दिनों को लेकर चिंता में हैं।
कर्मचारियों के मुताबिक़, एयरलाइंस की ओर से पारदर्शिता और संवाद में कमी ने निराशा को जन्म दिया है।
इस हफ़्ते एयरलाइंस के 4500 में से 700 पायलटों को रिडन्डेंसी नोटिस दिया गया है। इसका मतलब ये हुआ कि कोरोना वायरस संकट के बाद कम से कम 12 लोगों को बोल दिया गया है कि उनकी नौकरी जा रही है।
इस संकट के चलते उन लोगों की नौकरियां जा रही हैं जो एयरबस विमानों को उड़ाते हैं।
जब बोइंग विमान उड़ाने वालों पर इसका ख़ास असर पड़ता नहीं दिख रहा है।
एमिरेट्स अपनी विमानन सेवाओं के लिए सुपरजंबो एयरबस A380 का इस्तेमाल करती है जिसमें 500 लोग एक बार में सवारी कर सकते हैं।
वहीं, बोइंग 777 विमान में कम लोग यात्रा करते हैं और उन्हें इस, वैश्विक संकट के दौरान भी जब इंटरनेशनल फ़्लाइट्स कम चल रही हैं, भरना आसान होता है।
इसके साथ ही हज़ारों केबिन क्रू कर्मचारियों को भी सूचित कर दिया गया है कि फिलहाल कंपनी को उनकी आवश्यकता नहीं है।
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