अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को लेकर उमर अब्दुल्ला ने कहा, निराश हूं
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का केंद्र सरकार के फ़ैसले को वैध ठहराया है।
इस फ़ैसले पर कश्मीरी नेता, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से निराश हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लटेफॉर्म एक्स पर लिखा, ''निराश हूं, लेकिन हतोत्साहित नहीं। संघर्ष जारी रहेगा। बीजेपी जहां है वहां तक पहुंचने में उसे दशकों लग गए। हम लंबी दौड़ के लिए भी तैयार हैं।''
सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस ने फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 हमेशा से अस्थायी प्रावधान था। कोर्ट के मुताबिक़ राष्ट्रपति ने जो फ़ैसला लिया, वो वैध है।
आर्टिकल 370: कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद पीएम मोदी से क्या अपील की?
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
कर्ण सिंह महाराज हरि सिंह के बेटे, कश्मीर के पूर्व राजकुमार और कश्मीर के पूर्व सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) हैं। कश्मीरी नेता और कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने आर्टिकल 370 हटाए जाने को वैध ठहराने के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत किया है। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से अनुरोध किया है कि वो जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा जल्दी बहाल करें।
उन्होंने फ़ैसले का विरोध कर रहे लोगों से अपील की है कि वो ऐसा नहीं करें।
कर्ण सिंह ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने बहुत बारीकी से हर एक विषय को देखा है। चीफ़ जस्टिस जो पढ़ रहे थे, उसमें एक-एक क्लॉज, एक-एक सब क्लॉज उन्होंने देखा है, और सब परिस्थितियां देखते हुए वो नतीजे पर पहुंचे हैं। मैं इसका स्वागत करता हूं।''
कर्ण सिंह महाराज हरि सिंह के बेटे, कश्मीर के पूर्व राजकुमार और कश्मीर के पूर्व सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) हैं। महाराज हरि सिंह कश्मीर के राजा और जम्मू-कश्मीर के प्रथम सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) थे। महाराज हरि सिंह ने ही कश्मीर के भारत के साथ विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। भारत में विलय के बाद कश्मीर का नाम बदलकर जम्मू-कश्मीर कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 हटाने के केंद्र सरकार के फ़ैसले को सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को वैध ठहराया।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक कर्ण सिंह ने कहा, "बहुत दिन से ये बात हवा में थी, अब कम से कम स्पष्ट हो गया है कि जो हुआ वो वैध था। राजनीतिक रूप से चाहे कोई समझे की नहीं होना चाहिए था, वो बात और है। लेकिन न्यायिक दृष्टिकोण से वो वैध है।''
उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने दो बातें बहुत अच्छी बात कहीं। मैं चीफ़ जस्टिस चंद्रचूड़ को बधाई देता हूं। एक उन्होंने कहा कि हमें स्टेटहुड (राज्य का दर्जा) जल्दी से जल्दी मिलना चाहिए। जम्मू-कश्मीर को यूनियन टैरेटरी बनाना हमें मंजूर नहीं था।''
कर्ण सिंह ने कहा, "मोदी से प्रार्थना है कि जल्दी से जल्दी राज्य का दर्जा दें।''
उन्होंने कहा, "दूसरी बात उन्होंने (सुप्रीम कोर्ट ने) कहा कि चुनाव सितंबर 2024 तक हो जाने चाहिए।''
कर्ण सिंह ने कहा, "मुझे पता है कि जम्मू-कश्मीर के कुछ लोगों को ये फ़ैसला अच्छा नहीं लगेगा। उनसे मेरी प्रार्थना है कि अब वो इसे (फैसले को) स्वीकार कर लें। अब विरोध करने का लाभ नहीं है। वो राजनीति के लिए तैयार हो जाएं, जब चुनाव हों तो चुनाव डट कर लड़ें।''
आर्टिकल 370: महबूबा मुफ़्ती ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आइडिया ऑफ़ इंडिया की हार है
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
कश्मीरी नेता, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख और भारत के जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला 'आइडिया ऑफ़ इंडिया की हार है'।
महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि ये गांधी के उस भारत की भी हार है जिसे पाकिस्तान को दरकिनार कर जम्मू-कश्मीर के लोगों ने चुना था।
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद वीडियो बयान जारी कर महबूबा मुफ़्ती ने कहा, ''मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों से कहना चाहती हूं कि हिम्मत मत छोड़ो। सुप्रीम कोर्ट का आज का फ़ैसला एक पड़ाव है मंज़िल नहीं है। हमारे विरोधी चाहते हैं कि हम उम्मीद छोड़ दें लेकिन ऐसा नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल 370 अस्थायी है, ये हमारी नहीं भारत के तसव्वुर की हार है।''
उन्होंने कहा, ''यहां के मुसलमानों ने जिस तरह पाकिस्तान को दरकिनार करके यहां के पंजाबी, हिंदी, सिख, बौद्ध और गांधी के भारत के साथ हाथ मिलाया आज ये उस आइडिया ऑफ़ इंडिया की हार है।''
महबूबा मुफ़्ती ने कहा, ''1947 के बाद जब संविधान बना तो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा मिला। लेकिन 70 साल बाद एक ऐसी सरकार आई जो हमेशा ये रट लगाए रहती थी कि सत्ता में आए तो आर्टिकल 370 हटा देंगे और उन्होंने वो कर दिया। ये हमारी हार नहीं है। धोखा उन्होंने किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में उन ताकतों को मज़बूत किया जो कहती थी कि भारत के साथ जाना गलत है।''
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पाँच जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से फ़ैसला देते हुए जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म करने का फ़ैसला बरकरार रखा है।
पांच अगस्त 2019 को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 रद्द कर दिया था। चार साल बाद सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने उस फ़ैसले की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर फ़ैसला सुनाया है।
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