शेख़ हसीना के देश छोड़ कर भागने पर बांग्लादेश के अख़बारों ने क्या लिखा?
मंगलवार, 6 अगस्त 2024
बांग्लादेश की पीएम शेख़ हसीना के देश छोड़ कर भागने पर वहां के अख़बारों ने अलग-अलग नज़रिये से टिप्पणी की है।
दैनिक 'प्रोथोम आलो' की ख़बर का शीर्षक है- शेख़ हसीना अंत में भी बल प्रयोग करना चाहती थीं।
अख़बार लिखता है कि शेख हसीना अंत में भी अतिरिक्त बल और अधिक रक्तपात के जरिए सत्ता बरकरार रखना चाहती थीं।
'सामयिक' पत्रिका की हेडलाइन है- छात्रों की खून से सनी जीत।
इसमें कहा गया है कि बांग्लादेश में जनता की जीत हुई लेकिन ये छात्रों के खून से सनी हुई है।
'न्यू एज' की ख़बर कुछ इस तरह शुरू होती है- खालिदा की रिहाई, जेएस का विघटन, राष्ट्रीय सरकार जल्द
पहले पन्ने पर लगी इस रिपोर्ट के अनुसार, बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा है कि बीएनपी चेयरपर्सन खालिदा जिया को तुरंत रिहा करने का फैसला किया गया है।
'नया दिगंत' अखबार में बांग्लादेश ग्रामीण बैंक के संस्थापक मोहम्मद यूनुस के हवाले से कहा गया है कि छात्रों की जीत दूसरी आज़ादी है।
जीत के दिन पुलिस फायरिंग में 103 की मौत - युगांतर अखबार के पहले पन्ने पर ये ख़बर छापी गई है।
इसमें लिखा गया है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के सोमवार, 5 अगस्त 2024 को इस्तीफा देने के बाद अवामी लीग के मंत्रियों-सांसदों के आवास, केंद्रीय कार्यालय और अन्य कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई और आगजनी की गई।
''बिजनेस स्टैंडर्ड'' ने लिखा- कर्फ्यू आज ख़त्म; सभी शैक्षणिक, निजी संस्थान, कारखाने भी खुलेंगे। यह बिजनेस स्टैंडर्ड के पहले पन्ने का शीर्षक है।
बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख सलाहकार बनाना चाहते हैं छात्र
मंगलवार, 6 अगस्त 2024
बांग्लादेश में भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के नेता नाहिद इस्लाम ने शेख हसीना के इस्तीफ़े के बाद देश को चलाने के लिए गठित होने वाली अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस का नाम प्रस्तावित किया है।
नाहिद इस्लाम ने राष्ट्रपति से जल्द से जल्द प्रोफेसर यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने का आग्रह किया।
आंदोलन के समन्वयकों में से एक नाहिद इस्लाम ने मंगलवार, 6 अगस्त 2024 की सुबह सोशल मीडिया फेसबुक पर वीडियो संदेश में मुख्य सलाहकार के नाम का प्रस्ताव रखा।
उस वक़्त उनके साथ कोऑर्डिनेटर आसिफ महमूद और अबू बक्र मजूमदार भी मौजूद थे।
नाहिद इस्लाम ने यह भी कहा कि अंतरिम सरकार का मुखिया बनने के बारे में उनकी प्रोफेसर यूनुस से बात हो चुकी है।
नाहिद इस्लाम ने कहा, ''हमने मोहम्मद यूनुस से भी बात की है। वह छात्रों की अपील पर बांग्लादेश के लिए ये यह अहम जिम्मेदारी लेने के लिए सहमत हो गए हैं।''
भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन ने यह भी कहा कि सलाहकार परिषद के दूसरे सदस्यों के नामों की घोषणा जल्द ही की जाएगी।
इससे पहले सोमवार, 5 अगस्त 2024 को प्रेस कॉन्फ्रेंस में नाहिद इस्लाम ने कहा था, ''हम किसी भी तरह की सरकार का समर्थन नहीं करेंगे जब तक कि इसे छात्र-नागरिकों द्वारा समर्थित या प्रस्तावित न किया जाए।''
शेख़ हसीना को राजनीतिक शरण देने के सवाल पर अमेरिका ने क्या कहा?
मंगलवार, 6 अगस्त 2024
अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने कहा है कि बांग्लादेश में कोई भी अंतरिम सरकार लोकतांत्रिक सिद्धांतों, कानून के नियम और बांग्लादेशी लोगों की इच्छा के मुताबिक़ बननी चाहिए।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसे नहीं पता कि शेख़ हसीना ने उनके देश में शरण मांगी है या नहीं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने पत्रकारों से कहा, ''हम चाहते हैं कि बांग्लादेश के लोग वहां की सरकार का भविष्य तय करें।''
मैथ्यू मिलर ने कहा, ''जवाबदेही कैसी होती है। ये बांग्लादेश के कानून में दिखना चाहिए। हिंसा करने और कानून तोड़ने वालो को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।''
मैथ्यू मिलर ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि शेख़ हसीना ने अमेरिका में राजनीतिक शरण मांगी है या नहीं।
भारत सरकार की सर्वदलीय बैठक में बांग्लादेश के हालात पर चर्चा
मंगलवार, 6 अगस्त 2024
भारत की मोदी सरकार ने बांग्लादेश संकट पर सर्वदलीय बैठक में चर्चा की है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "बांग्लादेश में फिलहाल जो हो रहा है उस पर हमने संसद में सर्वदलीय बैठक में बात की। हमें खुशी है बांग्लादेश के मामले में सरकार के मौजूदा रवैये को सांसदों का पूरा समर्थन मिला।''
इससे पहले सोमवार, 5 अगस्त 2024 की रात को भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उन्हें बांग्लादेश में सामने आ रहे हालात के बारे में जानकारी दी गई।
कैबिनेट की कमेटी की इस उच्च स्तरीय बैठक में भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मौजूद थीं।
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