पूर्व पीएम ने कहा, बहुत नीचे गिर गए पीएम मोदी, प्रधानमंत्री पद की गरिमा के योग्य शब्दों का चुनाव भी न कर पाए

 08 May 2018 ( आई बी टी एन न्यूज़ ब्यूरो )
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आमतौर पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भारत के सबसे शांत प्रधानमंत्रियों में से एक माना जाता है। लेकिन इस बार उन्होंने कर्नाटक के धुआंधार चुनाव प्रचार के बीच कुछ ऐसा कह दिया है, जिसकी चर्चाएं चुनावी शोर से ऊपर उठकर हो रही हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, ये बेहद दुखद है कि भारत का प्रधानमंत्री इतना नीचे गिर जाए और प्रधानमंत्री पद की गरिमा के योग्य शब्दों का चुनाव भी न कर पाए।'

ये बातें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार (7 मई) को कहीं। ये बातें ऐसे समय में कही गई हैं, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए लगातार चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे हैं।

भारत के पूर्व पी एम मनमोहन सिंह का बयान उस वाकये के बाद आया है, जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेता और कर्नाटक के सी एम पी सी सिद्धारमैया ने पी एम मोदी को चुनावी रैलियों में कहे अपशब्दों पर कानूनी मानहानि का नोटिस भिजवाया है। नोटिस में ये धमकी दी गई है कि अगर पी एम मोदी, भाजपा, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, येदियुरप्पा और भाजपा नेता लिखित माफी नहीं मांगते हैं तो वह 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा ठोंक देंगे।

चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने कहा कि पूर्व पी एम मनमोहन सिंह 12 मई के बाद कर्नाटक के विधानसभा चुनावों में प्रचार करने उतरेंगे। पूर्व पी एम मनमोहन सिंह ने कहा, ''कोई भी प्रधानमंत्री अपने विरोधियों के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करता। जो मोदी दिन-रात करते हैं। ये देश के लिए अच्छा नहीं है।'' ये टिप्पणी पूर्व पी एम मनमोहन सिंह ने उस सवाल का जवाब देते हुए की है, जिसमें उनसे प्रचार के तरीके के बारे में सवाल किया गया था।

पूर्व पी एम सिंह ने कहा, ''मुझे दुख है कि जिस तरह की बातें राज्य की जनता को सहनी पड़ी हैं। ये कर्नाटक के लिए अच्छा नहीं है। ये देश के लिए भी अच्छी बता नहीं है। कोई भी प्रधानमंत्री चुनाव के वक्त ऐसी बातें नहीं कहता है, जिस अंदाज में मोदी जी कहने की कोशिश करते हैं। मुझे उम्मीद है कि वह अब सबक लेंगे और समाज के विकेंद्रीकरण की कोशिश बंद कर देंगे। जो वह दिन-रात कर रहे हैं।''

पी एम मोदी अक्सर देश की खराब ​आर्थिक स्थिति के लिए कांग्रेस की सरकारों को जिम्मेदार ठहराते आए हैं। पूर्व पी एम सिंह ने उनके इस रवैये की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, ''जब भी प्रधानमंत्री मोदी से बीते चार सालों से खराब आर्थिक स्थितियों पर सवाल किया जाता है, प्रधानमंत्री मोदी जी हर चीज के लिए कांग्रेस के 70 सालों के शासनकाल पर सवाल खड़ा कर देते हैं।''

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल 2018 में कर्नाटक चुनावों के दौरान कई विवादास्पद बयान दिए हैं। लेकिन उनमें से पांच बयान सबसे ज्यादा विवादित रहे हैं।

(1) मैं उन सभी से कहना चाहता हूँ जिन्हें राष्ट्रवाद अच्छा नहीं लगता है। आप मत सीखिए, अगर आपको दूसरों से, अपने राजनीतिक पुरखों से, यहां तक कि महात्मा गांधी की कांग्रेस से भी सीखना अच्छा नहीं लगता है। लेकिन कम से कम मेरे बगलकोट के रहने वाले मुधोल कुत्तों से ही सीख लीजिए। बगलकोट के मुधोल कुत्ते इस वक्त सेना की बटालियन में शामिल होकर देश की सेवा कर रहे हैं।

(2) (राहुल गांधी को बहस की चुनौती देते हुए) केवल 15 मिनट, हाथ में कागज लिए बिना, क्या आप अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बात कर सकते हैं। आप किसी भी भाषा में बात कर सकते हैं, जिसमें आप चाहें। अंग्रेजी, हिंदी या फिर अपनी मातृ भाषा (इटालियन) में।

(3) सीधा रुपैया सरकार (कर्नाटक के सी एम सिद्धारमैया के नाम की पैरोडी करते हुए)।

(4) बाप बड़ा न भैया, सब से बड़ा रुपैया। आपके मुख्यमंत्री ने इस कहावत को बदल दिया है। बाप भी बड़ा, भैया भी बड़ा और उससे भी ऊपर रुपैया, सीधा-सीधा रुपैया।

(5) कर्नाटक में उनके मंत्री और नेताओं ने टैंक बनवा रखा है। जो पैसा वो जनता से लूटते हैं, उसे घर ले जाते हैं और टैंक में रखते हैं। ये टैंक दिल्ली से पाइपलाइन से जुड़ा हुआ है। ये पैसा सीधे दिल्ली को जाता है।

 

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