भारत में रिजर्व बैंक के नवनियुक्त गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कार्यभार संभालने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केन्द्रीय बैंक की स्वायत्तता एवं गरिमा बनायी रखी जाएगी और सरकार के साथ खुली चर्चा होगी। पूर्व आईएएस एवं पूर्व वित्त सचिव शक्तिकांत दास को गवर्नर ऊर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद मंगलवार को मोदी सरकार ने इस पद पर नियुक्त किया था।
शक्तिकांत ने मुंबई में 25वें गवर्नर के रूप में बुधवार को कार्यभार संभालने के बाद संवाददाताओं से चर्चा में एक सवाल पर कहा कि राजनीतिक चर्चा पर वह कुछ नहीं बोलेंगे। उनसे सरकार के साथ तनाव से केन्द्रीय बैंक की छवि खराब होने के बारे में पूछा गया था। उन्होंने कहा कि आरबीआई और सरकार के बीच के मुद्दों में नहीं जाना चाहता, लेकिन हर संस्थान को अपनी स्वायत्तता को बनाये रखना होता है और जवाबदेही निभानी होती है।
शक्तिकांत ने कहा कि सरकार के साथ खुली चर्चा होगी। इसके साथ ही रिजर्व बैंक के सभी हितधारकों के साथ भी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। गुरुवार को वह मुंबई में स्थित सरकारी बैंकों के प्रबंध निदेशकों एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद मुंबई से बाहर स्थित मुख्यालय वाले सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक की जाएगी। उसके बाद निजी क्षेत्रों के बैंक प्रमुखों के साथ भी विचार-विमर्श किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक ने बहुत कुछ किया है, लेकिन अब भी बहुत कुछ किये जाने की जरूरत है। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन, महंगाई, तरलता, सरकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति और विकास से जुड़े मुद्दे उनकी प्राथमिकताओं में है। इसके साथ ही अन्य क्षेत्रों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के केन्द्रीय बोर्ड की बैठक 14 दिसंबर को पहले से निर्धारित है और उसमें जो चर्चा होगी। उसके बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्होंने महंगाई को लक्षित दायरे में बताते हुए कहा कि रिजर्व बैंक के प्रमुख कार्यों में महंगाई का लक्ष्य तय करना है। इसके साथ ही विकास को गति देने के उपाय करने की भी प्रमुखता होती है।
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