सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह को तगड़ा झटका दिया है। शीर्ष अदालत ने पुणे स्थित समूह की संपत्ति आम्बी वैली की नीलामी के आदेश दिए हैं।
सहारा समूह अपने निवेशकर्ताओं को जमा रकम लौटा पाने में नाकाम रहा जिसके बाद अदालत ने यह फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सहारा समूह के सुब्रत रॉय को इस मामले में 28 अप्रैल को होने वाली सुनवाई में खुद मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं।
शीर्ष अदालत ने 21 मार्च को हुई सुनवाई में सहारा समूह को आगाह किया था कि अगर वह 17 अप्रैल तक बकाया 5,092.6 करोड़ रुपए नहीं जमा कराता, तो पुणे में उसकी आम्बी वैली की 39,000 करोड़ रुपए मूल्य की प्रमुख संपत्ति की नीलामी की जाएगी। उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले धन की वसूली के लिए सहारा समूह की इस प्रमुख संपत्ति की कुर्की का आदेश दिया था।
शीर्ष अदालत ने 21 मार्च की सुनवाई में सहारा समूह से दो सप्ताह में उन संपत्तियों की सूची देने को कहा था जिन पर किसी तरह की देनदारी नहीं है और जिन्हें सार्वजनिक नीलामी के लिए रखा जा सकता है ताकि निवेशकों को लौटाए जाने वाले मूल धन के शेष 14,000 करोड़ रुपए की राशि जुटाई जा सके।
निवेशकों से जुटायी गयी मूल राशि 24,000 करोड़ रुपए है जिसे लौटाया जाना है। यह पैसा सेबी-सहारा खाते में जमा कराया जाना है।
न्यायालय ने पिछले साल 28 नवंबर को सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय को जेल से बाहर रहने के लिए 6 फरवरी तक सेबी-सहारा रिफंड खाते में 600 करोड़ रुपए जमा कराने को कहा था।
न्यायालय ने चेतावनी दी थी कि यदि वह ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उन्हें वापस जेल भेज दिया जाएगा।
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