परमाणु निरस्त्रीकरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन किसी भी समझौते पर नहीं पहुंच पाया है। रूस ने सम्मेलन के ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट पर सवाल उठाते हुए संयुक्त घोषणा को अपनाने से रोक दिया है।
हर पांच साल बाद परमाणु अप्रसार संधि की समीक्षा की जाती है। इसका मकसद परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकना है। इस संधि पर 191 देशों ने हस्ताक्षर किए हुए हैं।
परमाणु अप्रसार संधि के तहत इसमें शामिल देशों को अपना परमाणु भंडार कम करने और दूसरे परमाणु हथियार को खरीदने से रोकती है।
रूस ने यूक्रेन के न्यूक्लियर प्लांट, खासकर जपोरिजिया के आसपास सैन्य गतिविधियों पर गंभीर चिंता का हवाला देते हुए ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट पर आपत्ति जताई है।
साल 2015 में भी समीक्षा बैठक हुई थी। इसमें भाग लेने वाले भी किसी समझौते पर नहीं पहुंच पाए थे।
परमाणु निरस्त्रीकरण पर संयुक्त राष्ट्र कॉन्फ्रेंस 2015 के बाद साल 2020 में होनी थी, लेकिन कोरोना के चलते इसे 2022 में किया गया।
न्यूयॉर्क में चार हफ्ते चली सम्मेलन में सहमति नहीं बन पाई। ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने समझौता ना होने पर दुख जाहिर किया है।
यूक्रेन के जपोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट पर युद्ध शुरू होने के कुछ दिन बाद ही रूस ने कब्जा कर लिया था। सम्मेलन में शामिल सभी देशों की सहमति के बाद ही ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट को फाइनल किया जाता है और दस्तावेज का रूप दिया जाता है।
सम्मेलन में सभी देशों के अनुमोदन की आवश्यकता थी। नीदरलैंड और चीन सहित कई देशों ने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि कोई सहमति नहीं बन पाई है।
(आईबीटीएन के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)
शेयरिंग के बारे में
ऑक्सफैम के महमूद अल-सक्का ने ग़ज़ा पर इसराइली हमलों के बीच गंभीर खाद्य कमी और सीमित स...
ईरान के खामेनेई ने कहा कि इसराइल के हमले को कमतर आंकना गलत है
रव...
दिन चढ़ने के साथ ही उत्तरी ग़ज़ा में नई त्रासदियाँ सामने आ रही हैं: एजेई संवाददाता
मध्य इसराइल में ट्रक के बस स्टॉप से टकराने के बाद घायल हुए लोग
इसराइली सेना ने ग़ज़ा के कमाल अदवान अस्पताल पर छापा मारा, कर्मचारियों और मरीजों को हि...