भारत के प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (डायरेक्टोरेट ऑफ एन्फ़ोर्समेंट) ने फ़रार कारोबारी विजय माल्या, मेहुल चोकसी और नीरव मोदी की ज़ब्त की गई संपत्ति में से 9371.17 करोड़ रुपए सरकारी बैंकों को ट्रांसफर कर दिया है।
जाँच एजेंसियों का कहना है कि इन कारोबारियों की वित्तीय धोखाधड़ी के कारण बैंकों को भारी नुक़सान हुआ है। ईडी ने इन कारोबारियों की कुल 18,170.02 करोड़ रुपए की क़ीमत की संपत्ति को अटैच किया है।
ईडी की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है, "ईडी ने न केवल 18,170.02 करोड़ रुपए की संपत्ति ज़ब्त की है बल्कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी मामले में पीएमएलए के तहत 9371.17 करोड़ रुपए सरकारी बैंकों और केंद्र सरकार को दे दिया गया है।"
ईडी का कहना है कि तीनों कारोबारियों की जितनी संपत्ति ज़ब्त की गई है वो बैंकों के नुक़सान का 80.45 फ़ीसदी है।
भारत तीन फ़रार कारोबारियों को विदेशों से वापस लाने की कोशिश कर रहा है। विजय माल्या और नीरव मोदी ब्रिटेन में हैं। फ़रवरी 2021 में ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने नीरव मोदी को भारत भेजने के आदेश पर हस्ताक्षर किया था।
उसी तरह विजय माल्या को वापस लाने के लिए भी ब्रिटेन में क़ानूनी प्रक्रिया चल रही है। विजय माल्या पर 9,000 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।
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