साल 2017 में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है।
अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के लिए रिटर्ड एच थेलर को चुना गया है। इससे पहले आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी नोबेल पुरस्कार पाने वाले संभावित लोगों की लिस्ट में शामिल थे।
गौरतलब है कि क्लैरिवेट ऐनालिटिक्स अकैडमिक और साइंटिफिक रिसर्च अपने रिसर्च के आधार पर नोबेल पुरस्कार के संभावित विजेताओं की लिस्ट भी तैयार करती है।
राजन भी उन छह अर्थशास्त्रियों में से एक थे जिन्हें क्लैरिवेट ऐनालिटिक्स ने इस साल अपनी लिस्ट में शामिल किया था।
कॉर्पोरेट फाइनेंस के क्षेत्र में किए गए काम के लिए राजन का नाम लिस्ट में आया था। राजन अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की दुनिया में बड़े नाम हैं। सबसे कम उम्र (40) में पहले गैर पश्चिमी IMF चीफ बनने वाले राजन ने साल 2005 में एक पेपर प्रेजेंटेशन के बाद बड़ी प्रसिद्धि हासिल की।
अर्थशास्त्री रिचर्ड थेलर को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार देने की आज (10 अक्टूबर) घोषणा कर दी गई। उन्हें यह पुरस्कार अर्थशास्त्र और मनोविज्ञान के अंतर को पाटने पर किए गए उनके काम के लिए दिया गया है।
1945 में अमेरिका के ईस्ट ऑरेंज में उनका जन्म हुआ था।
नोबेल पुरस्कार के निर्णायक मंडल ने एक बयान में कहा कि थेलर का अध्ययन बताता है कि किस प्रकार सीमित तर्कसंगता, सामाजिक वरीयता और स्व-नियंत्रण की कमी जैसे मानवीय लक्षण किसी व्यक्ति के निर्णय को प्रक्रियागत तौर पर प्रभावित करते हैं और इससे बाजार के लक्षण पर भी प्रभाव पड़ता है।
व्यवहारिक अर्थशास्त्र मनोविज्ञान का अध्ययन है। यह व्यक्ति और संस्थानों की आर्थिक निर्णय प्रक्रिया से जुड़ा है।
स्वीडन की विज्ञान अकादमी के सचिव गोएरन हैंसन ने कहा कि थेलर को उनकी 'अर्थशास्त्र के मनोविज्ञान की समझ' पर अध्ययन के लिए 90 लाख क्रोनोर (11 लाख डॉलर) की राशि पुरस्कार स्वरुप दी जाएगी।
नोबल समिति ने कहा, थेलर का काम दिखाता है कि कैसे मानवीय लक्षण बाजार के परिणामों और व्यक्तिगत निर्णयों को प्रभावित करते हैं।
अकादमी ने थेलर का परिचय देने वाले अपने प्रपत्र में कहा है कि 72 वर्षीय थेलर व्यवहारिक अर्थशास्त्र का अध्ययन करने वाले अग्रणी अर्थशास्त्री हैं। यह शोध का एक ऐसा क्षेत्र है, जहां आर्थिक निर्णय निर्माण की प्रक्रिया के दौरान मनोवैज्ञानिक अनुसंधानों का अनुपालन करने का अध्ययन किया जाता है। इससे व्यक्तियों के आर्थिक निर्णय लेते समय सोच और व्यवहार का अधिक वास्तविक आकलन करने में मदद मिलती है।
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