राम न्याय हैं, राम कभी अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते: राहुल गाँधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भगवान राम प्रेम, करूणा और न्याय हैं। बुधवार की सुबह उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राम कभी अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते।
राहुल गाँधी ने ट्वीट किया - मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम सर्वोत्तम मानवीय गुणों का स्वरूप हैं। वे हमारे मन की गहराइयों में बसी मानवता की मूल भावना हैं।
राम प्रेम हैं
वे कभी घृणा में प्रकट नहीं हो सकते
राम करुणा हैं
वे कभी क्रूरता में प्रकट नहीं हो सकते
राम न्याय हैं
वे कभी अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते।
लोकतंत्र के चेहरे पर धब्बा: पाकिस्तान
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर राम मंदिर भूमिपूजन की निंदा की है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, ''ऐतिहासिक बाबरी मस्जिद जिस ज़मीन पर लगभग 500 वर्षों तक खड़ी रही, पाकिस्तान वहां 'राम मंदिर' निर्माण के शुरुआत की कड़ी निंदा करता है। मंदिर बनाने के लिए भारतीय सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले ने न सिर्फ़ मौजूदा भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद को दर्शाया है, बल्कि न्याय के ऊपर धर्म के प्रभुत्व को भी दिखाया है। आज के भारत में अल्पसंख्यक, ख़ासकर मुसलमानों के धर्मस्थलों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। ऐतिहासिक मस्जिद की ज़मीन पर बना मंदिर तथाकथित भारतीय लोकतंत्र के चेहरे पर एक धब्बे की तरह होगा।''
पीएम ने अपनी ही शपथ तोड़ी: ओवैसी
हैदराबाद से लोकसभा सांसद और एआईएमआईएम के प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी ने कहा है कि राम मंदिर की आधारशिला रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपनी ही शपथ का उल्लंघन किया है।
उन्होंने कहा, ''आज लोकतंत्र की हार और हिंदुत्व की जीत का दिन है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वो आज भावुक हैं। प्रधानमंत्री जी, आज मैं भी भावुक हूं क्योंकि मैं नागरिकों की बराबरी और सबके साथ जीने में यक़ीन करता हूं। मैं भावुक हूं क्योंकि 450 वर्षों तक वहां एक मस्जिद थी।''
बुधवार सुबह भी औवैसी ने ट्वीट कर कहा था, ''बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी इंशाअल्लाह!'' उन्होंने अपने ट्वीट में #BabriZindaHai का भी इस्तेमाल किया।
मुसलमानों की एक संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक दिन पहले ही प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा था कि बाबरी मस्जिद हमेशा एक मस्जिद रहेगी।
इस बयान को ट्वीट करते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लिखा, ''हागिया सोफ़िया हमारे लिए बड़ा उदाहरण है। अन्यायपूर्ण, दमनकारी, शर्मनाक तरीक़े से ज़मीन पर अधिकार करना और बहुसंख्यक के तुष्टिकरण वाले फ़ैसले से इसका दर्जा बदला नहीं जा सकता। दिल तोड़ने की ज़रूरत नहीं। स्थितियाँ हमेशा के लिए एक जैसी नहीं रहती हैं।''
सीपीएम ने उठाए सवाल
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होने पर सवाल उठाए।
पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ''राज्य को धर्म से अलग रखने की संविधान की मूलभूत भावना का सम्मान करो। भारत का संविधान इस बात में दृढ़ है कि धर्म और राजनीति का मिश्रण नहीं होना चाहिए। तब भारत के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री क्यों एक मंदिर के भूमिपूजन समारोह से राजनीतिक लाभ बटोरने की कोशिश कर रहे हैं?''
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