भारत में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी, जिसमें 44 जवान शहीद हो गये। न्यूज एजेंसी भाषा ने अधिकारियों के हवाले से खबर जारी की है कि यह 2016 में हुए उरी हमले के बाद सबसे भीषण आतंकवादी हमला है।
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2547 कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे। इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपने काम पर वापस लौट रहे थे। जम्मू-कश्मीर राजमार्ग पर अवंतिपोरा इलाके में इस काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया। पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है। उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था। हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। उन्होंने बताया कि जैश-ए-मोहम्मद ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है। यह हमला श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर हुआ है।
सीआरपीएफ के महानिदेशक आर आर भटनागर ने पीटीआई और भाषा को बताया, ''यह एक विशाल काफिला था तथा करीब 2500 सुरक्षाकर्मी विभिन्न वाहनों में जा रहे थे। काफिले पर कुछ गोलियां भी चलायी गयी। भारत के पीएम मोदी ने पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि हमारे बहादुर जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
पुलवामा आतंकी हमले के बाद शुक्रवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य सदस्य इसमें शामिल होंगे। संभवत: यह बैठक 9.15 बजे होगी।
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