भारतीय संसद ने कम्पनी संशोधन विधेयक-2017 पारित कर दिया है। राज्य सभा ने इसे मंजूरी दे दी। लोकसभा इसे मानसून सत्र में पारित कर चुकी है।
इस विधेयक में कार्पोरेट शासन मानकों को मजबूत करना और मानकों का उल्लंघन करने वाली कम्पनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना तथा कारोबार के तौर-तरीकों को सरल बनाना जैसे प्रावधान शामिल हैं। इसमें कम्पनी अधिनियम 2013 में 40 से अधिक संशोधन का प्रावधान है। कम्पनी अधिनियम-2013 यूपीए सरकार के कार्यकाल में पारित किया गया था।
राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान सदस्यों द्वारा उठाये गए मुद्दों का जवाब देते हुए कार्पोरेट मामलों के राज्यमंत्री पी पी चौधरी ने कहा कि इन संशोधनों से कार्पोरेट जगत का कामकाज और बेहतर हो जाएगा तथा कारोबार करने में आसानी होगी।
इससे पहले, चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस के नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदम्बरम ने सुझाव दिया कि लघु और मध्यम श्रेणी की कम्पनियों के हितों की सुरक्षा के लिए अलग से कानून बनना चाहिए।
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