माना जा रहा है कि सोमवार (एक मई) को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करके दो भारतीय सैनिकों की हत्या के बाद उनके शव को क्षत-विक्षत कर देने का बर्बर आदेश सीधे पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने दिए थे।
कमर जावेद बाजवा 30 अप्रैल को पाकिस्तान की हाजी पीर सैन्य चौकी के दौरे पर थे। भारतीय खुफिया एजेंसियों और सेना के सूत्रों ने बताया कि बाजवा ने इस दौरे के दौरान ही भारतीय सैनिकों के संग बर्बरता दिखाने का आदेश दिया था।
सूत्रों के अनुसार, स्थानीय पाक कमांडरों को 17 अप्रैल को भारतीय गोलाबारी में मारे गए सात से 10 पाकिस्तानी सैनिकों का बदला लेने के लिए जवाबी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया था।
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी एक्स कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल नदीम रजा ने इस जवाबी कार्रवाई के बाद एलओसी पर तनाव बढ़ने के प्रति आगाह किया था। रजा पाकिस्तानी सेना के कश्मीर मामलों के प्रमुख हैं। मुरी स्थित पाकिस्तानी 12 इनफैंट्री डिविजन के प्रमुख मेजर जनरल अजहर अब्बास भी जवाबी कार्रवाई को लेकर आशंकित थे। एलओसी के निकट स्थित इस डिविजन को ही गोलीबारी का शिकार होना पड़ा है।
एक भारतीय खुफिया अधिकारी ने बताया, ''उरी हमले के बाद एलओसी पार कर की गई कार्रवाई के बाद से ही सीमा पर स्थिति पूरी तरह शांत नहीं हुई है। ये झड़पें पाकिस्तान को भारी पड़ रही हैं। हमें लगता है कि पाक अब ये दिखाना चाहता है कि वो तनाव बढ़ाने का जोखिम लेना चाहता है जबकि एओसी पर उसकी स्थिति कमजोर है।''
जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर दो लाख से सवा दो लाख भारतीय सैनिक तैनात हैं। वहीं पाकिस्तानी सेना के एक लाख से सवा एक लाख तक सैनिक एलओसी पर तैनात हैं। इस मामले में भारत पाकिस्तान से काफी मजबूत है।
जनरल कमर जावेद बाजवा ने उरी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर किये गए क्रॉस बॉर्डर हमले के बाद सीमा के निकट पाकिस्तानी चौकियों का दौरा किया था। कश्मीर कमर जावेद बाजवा की प्राथमिकता सूची में काफी ऊपर है। मार्च में कमर जावेद बाजवा ने केल सेक्टर स्थित पाक चौकियों का दौरा किया था। वहीं पिछले साल दिसंबर और इस साल फरवरी में उन्होंने भीमबर सेक्टर में गोलाबारी से प्रभावित पाक चौकियों का दौरा किया था।
30 अप्रैल को जिस हाजी पीर चौकी का कमर जावेद बाजवा ने दौरा किया वो रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। 1965 के युद्ध में भारत ने ये इलाका जीत लिया था, लेकिन बाद में जीते गए इलाकों की अदला-बदली में ये चौकी पाकिस्तान को वापस कर दिया।
मेनधार स्थित कृष्णा घाटी सेक्टर में भारत की आखिरी सैन्य चौकी है। इसी इलाके में एक मई को भारतीय सैनिकों की हत्या की गयी थी।
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की एलीट स्पेशल फोर्स भारतीय गश्ती दल पर निगाह रखे हुए था।
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