भारत में केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार रेलवे के सभी जोन से करीब 11000 लोगों की नौकरियां खत्म करेगी। इसे खर्च में कटौती के तौर पर देखा जा रहा है।
रेलवे बोर्ड ने खर्च कटौती की कवायद तेज करते हुए सभी 17 रेल मंडलों से 10 हजार 900 पदों को खत्म करने का पत्र जारी किया है। रेलवे बोर्ड के फैसले और सभी महाप्रबंधकों को लिखी चिट्ठी में लिखा गया है कि वर्ष 2017-18 के लिए सालाना पदों की कटौती के फैसले को लागू किया जाए।
फिलहाल भारतीय रेल में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या 15 लाख के करीब है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर साल एक करोड़ नौकरियां देने का ऐलान किया था, लेकिन तीन साल बाद भी ऐसा होता नहीं दिख रहा है। उल्टे सरकार कर्मचारियों की नौकरी ख़त्म कर रही है।
पत्र के मुताबिक, 25 मई को केंद्रीय रेलवे बोर्ड के निदेशक (ई एंड आर) अमित सरन ने इस आशय का आदेश पत्र सभी जोन मुख्यालयों को भेजा है। इससे रेल कर्मचारियों में हड़कंप है।
हालांकि रेलवे प्रशासन इसे सामान्य प्रक्रिया बता रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, रेलवे हर साल एक फीसदी पद समाप्त करता है। हालांकि, मौजूदा आदेश पर अधिकारी सफाई दे रहे हैं कि समीक्षा के बाद यह तय किया जाएगा कि कौन से अनुपयोगी पद समाप्त किए जाएंगे। अधिकारी का यह भी दावा है कि ऐसे पद समाप्त करने से रेलवे का कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
रेलवे बोर्ड के निदेशक (ई एंड आर) अमित सरन ने इस आशय का आदेश पत्र सभी जोन मुख्यालयों को भेजा है।
पत्र के मुताबिक, दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे जोन को 400 पद समाप्त करने के लिए कहा गया है जबकि सेंट्रल और ईस्टर्न रेलवे को 1-1 हजार पद, ईस्ट कोस्ट रेलवे को 700, नॉर्दन रेलवे को 1500, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे को 150, नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे को 700, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे को 300, ईस्ट सेंट्रल रेलवे को 300, नॉर्थ ईस्टफ्रंटियर रेलवे को 550 पद खत्म करने को कहा गया है। इसी तरह सदर्न रेलवे को 1500, साउथ सेंट्रल रेलवे को 800, साउथ ईस्ट सेंट्रल और साउथ ईस्टर्न रेलवे को 400-400 पद, साउथ वेस्टर्न रेलवे को 200, वेस्टर्न रेलवे को 700 और वेस्ट सेंट्रल रेलवे को 300 पद खत्म करने को कहा गया है।
रेल मंत्रालय देशभर के 23 स्टेशनों को प्राइवेट कंपनियों के हाथों में सौंपने की योजना पर काम कर रही है। सरकार इन्हें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत निजी कंपनियों को देने जा रही है। इसके लिए 28 जून को ऑनलाइन नीलामी का आयोजन किया जाएगा। नीलामी में उत्तर प्रदेश का कानपुर जंक्शन और इलाहाबाद जंक्शन शामिल हैं, जबकि राजस्थान का उदयपुर रेलवे स्टेशन भी शामिल है। नीलामी के लिए कानपुर जंक्शन की शुरुआती कीमत 200 करोड़ रुपए जबकि इलाहाबाद जंक्शन के लिए 150 करोड़ रुपए रखी गई है। नीलामी के परिणाम का ऐलान 30 जून को किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने देश के कुल 23 रेलवे स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है।
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