मोदी सरकार राफेल फाइटर्स एयरक्राफ्ट सौदा में मुकेश अम्बानी की कंपनी को फायदा पहुंचा रही है

 18 Nov 2017 ( परवेज़ अनवर, एमडी & सीईओ, आईबीटीएन ग्रुप )
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भारत में मोदी सरकार ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड से राफेल फाइटर्स एयरक्राफ्ट का काम छीनकर कॉन्ट्रैक्ट साइन करने के 9वें दिन रिलायंस की कंपनी को दे दिया। सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत सरकार की कंपनी के बदले  मुकेश अम्बानी की रिलायंस कंपनी के हित को प्राथमिकता और वरीयता क्यों दी? इसका जवाब मोदी सरकार को देना होगा।

राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे को लेकर भारत में मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से सवाल पूछे हैं। राहुल ने पेरिस में राफेल खरीदने की पीएम मोदी की घोषणा पर भी सवाल उठाए हैं।

राहुल गांधी ने शनिवार को ट्वीट कर रक्षा मंत्री से 3 सवाल पूछे हैं। राहुल ने निर्मला सीतारमण पर तंज कसते हुए कहा कि यह कितना शर्मनाक है कि आपके बॉस आपको खामोश कर रहे हैं।

राहुल ने रक्षा मंत्री से पूछा कि कृपया हमें हर राफेल विमान की फाइनल कीमत बताएं।

दूसरा सवाल राहुल ने पीएम मोदी से जोड़कर पूछा। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने पूछा कि क्या पीएम ने पेरिस में राफेल विमान खरीदने की घोषणा से पहले कैबिनेट कमिटी ऑफ सिक्यॉरिटी (CCS) की अनुमति ली थी।

राहुल गांधी ने तीसरे सवाल में राफेल डील के लिए अनुभवी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को बाइपास करने पर सवाल उठाए हैं।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने पूछा कि क्यों पीएम ने अनुभवी HAL को बाइपास करते हुए यह डील AA रेटेड बिजनसमैन को दी, जिनके पास कोई डिफेंस एक्सपीरियंस नहीं है।

इससे पहले भी राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साध चुके हैं। राहुल ने पहले भी आरोप लगाया था कि पीएम मोदी ने एक व्यवसायी को लाभ पहुंचाने के लिए पूरे सौदे में कथित बदलाव किए।

हालांकि केंद्र सरकार ने कांग्रेस और राहुल गांधी के इन आरोपों को खारिज कर दिया था। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल सौदे का बचाव करते हुए कहा था कि इसपर आरोप लगाना बेशर्मी है। इस तरह से सुरक्षा बलों का हौसला घटेगा।

राफेल फाइटर्स की डील पर सत्ताधारी बीजेपी और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के बीच घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस ने राफेल फाइटर्स की डील को लेकर सत्ताधारी बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राफेल फाइटर्स एयरक्राफ्ट की डील को लेकर मोदी सरकार लगातार झूठ बोल रही है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को गुप्त रखकर सरकार देश को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है।

सुरजेवाला ने कहा कि निर्मला सीतारमण ने रक्षा मंत्रालय को बीजेपी मंच बनाकर इस्तेमाल किया, लेकिन सवाल का जवाब नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि 36 राफेल फाइटर्स एयरक्राफ्ट की कीमत क्या है? सुरजेवाला ने कहा कि सरकार कीमत बताने से क्यों बच रही है?

उन्होंने दावा किया कि राफेल फाइटर्स एयरक्राफ्ट की कीमत 526 करोड़ रुपये है, जबकि सौदा 1570 करोड़ रुपये का हुआ है।

उन्होंने कहा कि राफेल फाइटर्स एयरक्राफ्ट की कीमत 3 गुना क्यों बढ़ी? इसका जवाब पीएम या रक्षा मंत्री क्यों नही दे रहे।

उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड से राफेल फाइटर्स एयरक्राफ्ट का काम छीनकर कॉन्ट्रैक्ट साइन करने के 9वें दिन रिलायंस की कंपनी को दे दिया। भारत सरकार की कंपनी छोड़कर निजी कंपनी का हित क्यों देखा मोदी जी ने?

सवाल उठना लाज़िमी है कि मोदी ने मुकेश अम्बानी की कंपनी को भारत सरकार की कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड पर वरीयता क्यों दी, जबकि मुकेश अम्बानी की कंपनी नयी और अनुभवहीन है। इसके बदले हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड पुरानी और अनुभवी कंपनी है। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के पास प्रोडक्शन और मार्केटिंग का वर्षों का अनुभव है।

राफेल फाइटर्स एयरक्राफ्ट की कीमत 526 करोड़ रुपये है, जबकि सौदा 1570 करोड़ रुपये का हुआ है। इसका क्या मतलब निकाला जाये?

वास्तव में यह बहुत बड़ा घोटाला है। मोदी सरकार राफेल फाइटर्स एयरक्राफ्ट सौदा में मुकेश अम्बानी की कंपनी को फायदा पहुंचा रही है।

 

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