मंदसौर के किसानों पर जब गोलियां बरसाई जा रही थी, तब राहुल गाँधी ने उनका दर्द समझा, लेकिन नरेंद्र मोदी ने उनकी सुध लेने की जरूरत भी नहीं समझी। आज उन्हीं किसानों और उनके परिजनों से वोट मांगने किस मुँह से जा रहे हैं?
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