जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग करने की घोषणा की। इसके बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीति गरम हो गई है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इसे हड़बड़ी में राज्यपाल की तरफ से उठाया गया कदम बताया। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम पिछले पांच महीने से विधानसभा भंग करने को कह रहे थे तो फिर अब अचानक क्यों भंग किया गया?
जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने पर कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने कहा, ''महबूबा जी को कोर्ट जाना चाहिए क्योंकि राज्यपाल ने जो किया है, वह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के समर्थन के बाद महबूबा ने राज्यपाल को पत्र लिखा था। ऐसे में उन्हें एक मौका दिया जाना चाहिए।''
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी पिछले पांच महीने से विधानसभा को भंग करने का दबाव डाल रही थी। ऐसे में यह संयोग नहीं हो सकता है कि जब महबूबा मुफ्ती ने सरकार बनाने का दावा किया, उसके फौरन बाद विधानसभा को भंग करने का फैसला किया गया।
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