इसराइल-ग़ज़ा युद्धविराम: इसराइली पीएम नेतन्याहू का हमास की मांग मानने से इनकार

 08 Feb 2024 ( परवेज़ अनवर, एमडी & सीईओ, आईबीटीएन ग्रुप )
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इसराइल-ग़ज़ा युद्धविराम: इसराइली पीएम नेतन्याहू का हमास की मांग मानने से इनकार

गुरुवार, 8 फरवरी 2024

इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने प्रस्तावित सीज़फ़ायर पर हमास की शर्तों को ये कहते हुए ख़ारिज कर दिया है कि- कुछ महीनों में ही ग़ज़ा पर ‘पूरी तरह’ जीत संभव है।

नेतन्याहू ने इसराइल समर्थित युद्धविराम प्रस्ताव के जवाब में हमास की कई मांगों को लेकर ये बात कही है।

नेतन्याहू ने कहा कि हमास के साथ बातचीत 'किसी ओर आगे नहीं बढ़' रही है और समूह जो मांग रख रहा है वो 'अजीबोगरीब' है।

सीज़फ़ायर को लेकर बातचीत अब भी चल रही है ताकि किसी डील पर पहुंचा जा सके।

बुधवार, 7 फरवरी 2024 को नेतन्याहू ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ''ग़ज़ा पर पूरी तरह जीत के अलावा इसका कोई दूसरा निष्कर्ष नहीं है।  अगर हमास ग़ज़ा में बचा रहता है तो अगला जनसंहार कभी भी हो सकता है।''

माना जा रहा था कि इसराइल हमास की शर्तों पर बातचीत करेगा लेकिन प्रधानमंत्री नेतन्याहू के इस बयान ने साफ़ तौर पर इस तरह की संभावनाओं को ख़त्म दिया।

इसराइली आधिकारियों का कहना है कि हमास इस युद्ध का अंत अपनी शर्तों पर चाहता है जो उसे पूरी तरह नामंज़ूर है।

हमास के वरिष्ठ अधिकारी सामी अबू ज़ुहरी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा है कि नेतन्याहू की टिप्पणी "राजनीतिक घमंड का एक रूप है", और दिखाती है कि वह क्षेत्र में संघर्ष को आगे बढ़ाना चाहते हैं।

मिस्र के एक आधिकारिक सूत्र ने बीबीसी को बताया कि मिस्र और क़तर की मध्यस्थता में गुरुवार, 8 फरवरी 2024 को राज़धानी काहिरा में बातचीत का नया दौर शुरू होने की उम्मीद है।

मिस्र के एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि मिस्र ने सभी पक्षों से शांतिपूर्ण समझौते पर पहुंचने के लिए सहयोग की अपील की है।

रॉयटर्स के अनुसार हमास की शर्तें हैं-

पहला चरण- युद्ध में 45 दिनों का विराम, जिस दौरान सभी इसराइली महिला बंधकों, 19 साल से कम उम्र के पुरुष बंधकों, बुजुर्गों और बीमारों को छोड़ा जाएगा। बदले में इसराइली जेलों में बंद फ़लीस्तीनी महिलाओं और बच्चों को रिहा किया जाए। इसराइली सेना ग़ज़ा के आबादी वाले इलाकों से हट जाए और अस्पतालों और शरणार्थी शिविरों का पुनर्निर्माण हो।

दूसरा फ़ेज़- जो बचे हुए इसराइली बंधक हैं वो तब छोड़े जाएंगे जब इसराइली सेना पूरी तरह ग़ज़ा से निकल जाएगी।

तीसरा फ़ेज़- दोनों ही पक्ष मारे गए लोगों के शव और उनके सामान एक दूसरे को देंगे।

हमास के द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक ग़ज़ा में 27,700 लोगों की मौत हो चुकी है और 65000 घायल हैं।

 

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