भारत ने गुरुवार को सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण किया। ऐसा करने वाला वह दुनिया का चौथा देश बन गया है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, भारत ने अंतरिक्ष युद्ध की परिकल्पना जैसी उप प्रणाली का सफल परीक्षण किया, जिसमें दुश्मन की मिसाइल को अपनी मिसाइल के जरिए हमला करने के पहले ही तबाह कर दिया जाता है।
भारत ने स्वदेशी रूप से विकसित 'एडवांस्ड एअर डिफेंस' सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का ओडिशा के व्हीलर आइलैंड से गुरुवार को सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल बेहद कम ऊंचाई से आने वाली किसी भी बैलिस्टिक मिसाइल को बीच में ही मार गिराने में सक्षम है। इस साल किया गया यह तीसरा सुपरसोनिक इंटरसेप्टर परीक्षण है, जिसमें सामने से आ रही बैलिस्टिक मिसाइल को धरती के वातावरण के 30 किलोमीटर की ऊंचाई के दायरे में सफलतापूर्वक निशाना बनाकर उसे नष्ट कर दिया गया।
ट्रैकिंग रडारों पर सिग्नल मिलने के बाद बंगाल की खाड़ी में अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) पर तैनात इंटरसेप्टर मिसाइल हवा में दुश्मन मिसाइल को नष्ट करने के लिए आगे बढ़ी और सफलतापूर्वक निशाना लगाया। 7.5 मीटर लंबी एकल चरण ठोस रॉकेट प्रणोदन निर्देशित यह मिसाइल हाई-टेक कंप्यूटर और इलेक्ट्रो-मेकैनिकल एक्टीवेटर वाली दिशा निर्देशन प्रणाली से लैस है।
इस अत्याधुनिक मिसाइल का अपना खुद का मोबाइल लांचर है और यह दुश्मन मिसाइल को निशाना बनाने के लिए सुरक्षित डेटा लिंक, आधुनिक राडार और अन्य तकनीकी व प्रौद्योगिकी विशिष्टताओं से लैस है।
परीक्षण के बाद रक्षा मंत्रालय ने कहा, ''यह एक सीधा निशाना था और यह बड़ी सफलता है। इससे पहले 11 फरवरी और एक मार्च 2017 को दो परीक्षण किए जा चुके हैं। ये बहुस्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं।''
सूत्रों ने कहा, गुरुवार का परीक्षण उड़ान के दौरान इंटरसेप्टर के विभिन्न मानकों के सत्यापन के लिए किया गया और सभी सफल रहे। चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आइटीआर) के प्रक्षेपण परिसर तीन से टारगेट मिसाइल (पृथ्वी मिसाइल) दागी गई।
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