भारत में सरकार ने अफवाहों को गलत बताते हुए कहा है कि किसी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को बंद करने का प्रश्न ही नहीं है।
भारत के वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव राजीव कुमार ने एक ट्वीट में कहा कि सरकार, इन बैंकों में दो लाख ग्यारह हज़ार करोड़ रुपये के पुनर्पूंजीकरण से इन्हें मज़बूत बना रही है।
उन्होंने लोगों से अफवाह फैलाने वालों पर विश्वास न करने की अपील की और कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सुधार योजना पटरी पर है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक ऑफ इंडिया समेत कुछ बैंकों के मामले में त्वरित सुधार कार्रवाई-पीसीए शुरू की है।
रिज़र्व बैंक ने अपनी ओर से यह स्पष्ट किया कि पीसीए व्यवस्था का उद्देश्य जनता के लिये बैंकों के सामान्य कामकाज में कठिनाई उत्पन्न करना नहीं है।
रिज़र्व बैंक ने कहा कि उसने सोशल मीडिया समेत मीडिया के कुछ वर्गों में दी जा रही गलत सूचना का संज्ञान लिया है। इसमें पीसीए के दायरे में आये कुछ बैंकों को बंद किये जाने की खबर दी जा रही है।
रिज़र्व बैंक के अनुसार, पीसीए व्यवस्था ऐसे निरीक्षण के तरीकों में से एक है, जिसमें प्रारम्भिक चेतावनी देने के लिये बैंकों के कुछ कामकाज के मानकों की निगरानी की जाती है। पूंजी, परिसम्पत्तियों की गुणवत्ता और अन्य मानकों में कमी पाये जाने पर कार्रवाई शुरु की जाती है।
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