भारत में ई-कॉमर्स कारोबार से जुड़ी अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को अब अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद सभी प्रोडक्ट्स और सेवाओं के पेड कंज़्यूमर रिव्यूज़ के बारे में जानकारी सार्वजनिक करनी होगी।
सरकार ने फेक रिव्यूज़ पर रोकथाम और सही जानकारी के आधार उचित फ़ैसला लेने में ग्राहकों को मदद देने के लिए नए नियमों का ऐलान किया है।
इसके अलावा सरकार ने उन रिव्यूज़ के प्रकाशन पर भी रोक लगा दी है जिनके लिए भुगतान किया गया है या फिर उसे ऐसे लोगों ने लिखा है जो इसी काम के लिए सप्लायर द्वारा या फिर तीसरे पक्ष द्वारा नियुक्त किया गया है।
ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस) के ये नियम संबंधित पक्षों से बातचीत के बाद तैयार किए गए हैं और ये 25 नवंबर 2022 से लागू हो जाएंगे। इन नियमों का पालन फिलहाल स्वैच्छिक रखा गया है लेकिन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर फ़ेक रिव्यूज़ की परेशानी जारी रही तो सरकार इसे अनिवार्य बनाने पर विचार करेगी।
उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने सोमवार, 21 नवम्बर 2022 को बताया कि बीआईएस के ये नियम उन सभी संगठनों पर लागू होंगे जो ऑनलाइन कंज्यूमर रिव्यूज़ प्रकाशित करते हैं।
इनमें प्रोडक्ट और सर्विस मुहैया कराने वाले सप्लायर्स, अपने ग्राहकों से रिव्यू इकट्ठा कराने वाली कंपनी या फिर कोई तीसरी पार्टी जिसे ये जिम्मा दिया गया है, शामिल हैं।
रोहित कुमार सिंह ने बताया कि बीआईएस इसके लिए अगले 15 दिनों में सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू करेगी जिससे ग्राहक ये जान पाएंगे कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स इन नियमों का पालन कर रही है या नहीं। ई-कॉमर्स कंपनी बीआईएस के पास इसके लिए सर्टिफिकेशन का आवेदन दे सकती हैं।
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