समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक़, सिंगापुर साल की दूसरी तिमाही में मंदी में चला गया है क्योंकि व्यापार आधारित सिंगापुर की अर्थव्यवस्था में तिमाही दर तिमाही 41.2 फ़ीसद की गिरावट देखी गई है।
वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक़, पिछले साल के मुक़ाबले देखा जाए तो अप्रैल से जून के बीच सिंगापुर की अर्थव्यवस्था में 12.6 फ़ीसदी की दर से गिरावट आई है क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए कठोर प्रतिबंध लगाए गए थे।
इस तरह अर्थव्यवस्था में गिरावट का ये दूसरा हफ़्ता है जब दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक सिंगापुर की अर्थव्यवस्था में गिरावट देखी गई है।
बीते दस सालों में ये पहला मौक़ा है जब सिंगापुर मंदी के दौर में गया है।
सिंगापुर के वाणिज्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि ''दूसरी तिमाही में जीडीपी में जो भारी गिरावट आई है, उसके लिए सात अप्रैल से एक जून के बीच कोरोना वायरस के प्रसार को कम करने के लिए लगाए गए प्रतिबंध ज़िम्मेदार हैं। इन प्रतिबंधों के तहत सभी ग़ैर-ज़रूरी सेवाओं और ज़्यादातर सभी काम की जगहों को बंद कर दिया गया था।''
सरकारी बयान में ये भी कहा गया है कि इस मंदी के लिए दुनिया भर में आ रही आर्थिक गिरावट की वजह से बाहरी मांग में आने वाली कमी भी ज़िम्मेदार है।
वैश्विक व्यापार की सेहत बताने वाले बैरोमीटर के रूप में देखा जाने वाला सिंगापुर बाहरी झटकों के लिए बेहद संवेदनशील है। ऐसे में सिंगापुर के डराने वाले आँकड़े वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी ख़तरनाक संकेत दे रहे हैं।
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