कोरोना संक्रमण: क्या उत्तर प्रदेश की अफ़रा-तफ़री को रोका जा सकता था?

 09 Apr 2020 ( आई बी टी एन न्यूज़ ब्यूरो )
POSTER

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात आठ बजे देश को संबोधित करते हुए उसी मध्यरात्रि से अगले 21 दिन तक के लिए पूरे देश में 'टोटल लॉकडाउन' का ऐलान किया था लेकिन भारत की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में बुधवार की शाम को जो अफ़रा-तफ़री दिखी उसने लॉकडाउन के उद्देश्य को ही ख़तरे में डाल दिया है।

बहरहाल, सामान ख़रीदने की जो होड़ पीएम की घोषणा के बाद दिखी थी, कुछ वैसा ही मंज़र फिर 8 अप्रैल की शाम उत्तर प्रदेश में दिखा। दोपहर से ऐसी ख़बरें आ रही थीं कि उत्तर प्रदेश के कोरोना प्रभावित ज़िलों को सील कर दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के लगभग हर ज़िले में दोपहर से ही लोगों में राशन, सब्ज़ियाँ, दूध और दवाइयाँ ख़रीदने की होड़ मच गई क्योंकि सोशल मीडिया और कुछ न्यूज़ चैनलों पर ऐसी ख़बरें चल रहीं थी कि प्रदेश सरकार कई ज़िलों को पूरी तरह सील करने जा रही है।

सील किए जाने का मतलब क्या है और वे ज़िले कौन से होंगे इसको लेकिन स्पष्ट जानकारी की कमी दोपहर बाद तक थी जबकि लोगों में घबराहट फैलनी शुरू हो गई थी।

दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को राज्य के कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित 15 ज़िलों में 104 हॉट स्पॉट यानी सबसे संवेदनशील इलाक़ों को पूरी तरह से सील करने का फ़ैसला किया। लेकिन फ़ैसले की घोषणा करने के तरीक़े से शुरुआती कुछ घंटों तक लोगों में इस बात का भ्रम बना रहा कि उनके इलाक़े का क्या होगा।  

लखनऊ से इस बात की जानकारी शाम सवा चार बजे राज्य के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने दी। उनके साथ राज्य के पुलिस महानिदेशक हितेश अवस्थी और प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद भी उपस्थित थे।

लेकिन इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस के पहले ही, कुछ समाचार माध्यमों में राज्य के मुख्य सचिव आर के तिवारी के हवाले से ये ख़बर चली कि 15 ज़िलों को पूरी तरह से सील किया जाएगा। इस ख़बर के फ़ौरन बाद नोएडा, ग़ाज़ियाबाद और लखनऊ समेत तमाम जगहों पर अफ़रा-तफ़री मच गई।

लोग दोपहर तीन बजे से ही राशन की दुकानों के बाहर जमा होने लगे।  कुछ जगहों पर तो पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा। मुख्य सचिव आर के तिवारी ने कुछ टीवी चैनल वालों को इस बारे में बाइट दी और कहा, "लॉकडाउन तो पूरे देश में और उत्तर प्रदेश में ही लागू है लेकिन 15 ज़िले जहां लोड काफ़ी ज़्यादा है, इसलिए यहां जो भी प्रभावित क्षेत्र हैं, उन सभी जगहों को सील करने के निर्देश दिए गए हैं।''

मुख्य सचिव ने हॉट स्पॉट शब्द का प्रयोग नहीं किया, लेकिन उनकी बातों से ये साफ़ था कि वो पंद्रह ज़िलों के क्षेत्र विशेष को ही पूरी तरह से सील या लॉकडाउन करने की बात कर रहे हैं लेकिन टीवी चैनलों पर काफ़ी देर तक यही ख़बर प्रसारित होती रही कि पंद्रह ज़िले पूरी तरह से सील कर दिए जाएंगे।

मुख्य सचिव ने यह स्पष्ट किया था कि इन जगहों पर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सरकार सुनिश्चित करेगी। दरअसल, कोरोना संक्रमण से संबंधित जो भी ताज़ा जानकारी होती है या फिर सरकार के फ़ैसले होते हैं, उनकी जानकारी शाम चार बजे प्रेस ब्रीफ़िंग के ज़रिए दी जाती है जिसे अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी देते हैं।

बुधवार को जब मुख्य सचिव के बयान से भ्रम और अफ़रा-तफ़री की स्थिति उत्पन्न हुई, उसके बाद पत्रकारों ने अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी से इस बारे में जानना चाहा। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि 15 ज़िलों के केवल हॉट स्पॉट्स यानी विशेष तौर पर चिह्नित इलाक़ों को ही सील किया जाएगा।

अवनीश अवस्थी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में भी इन आशंकाओं और अफ़वाहों की चर्चा की लेकिन तब तक अफ़रा-तफ़री मच चुकी थी। बताया जा रहा है कि इसके पीछे सरकार में उच्च स्तर पर बैठे अधिकारियों के बीच निश्चित तौर पर संवादहीनता या फिर तालमेल की कमी है।

सवाल इस बात पर भी उठ रहे हैं कि जब शाम चार बजे प्रेस ब्रीफ़िंग होनी ही थी तो मुख्य सचिव को मीडिया में आने की क्या ज़रूरत थी? सवाल ये भी उठता है कि उत्तर प्रदेश सरकार के इस नए क़िस्म के 'हाट्स्पॉट सीलिंग' की घोषणा के तरीक़े और कुछ समाचार माध्यमों में इसकी 'ब्रेकिंग न्यूज़' चलने से पहले सरकार ने नहीं सोचा कि इसके क्या परिणाम होंगे? 

 

(आईबीटीएन के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)

इस खबर को शेयर करें

शेयरिंग के बारे में

विज्ञापन

https://www.ibtnkhabar.com/

 

https://www.ibtnkhabar.com/

अल जज़ीरा टीवी लाइव | अल जज़ीरा इंग्लिश टीवी देखें: लाइव समाचार और समसामयिक मामले


https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

Copyright © 2024 IBTN World All rights reserved. Powered by IBTN Media Network & IBTN Technology. The IBTN is not responsible for the content of external sites. Read about our approach to external linking