चीन ने रविवार को दक्षिणी प्रांत हैनान के वेनचांग प्रक्षेपण केंद्र से भारी उपग्रह प्रक्षेपित करने वाला अपना दूसरा रॉकेट लॉन्ग मार्च-5 वाई2 प्रक्षेपित किया।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, शिजियान-18 उपग्रह के साथ रॉकेट ने रविवार की सुबह 7.23 बजे उड़ान भरी।
हालांकि यह उड़ान असफल रही। लॉन्ग मार्च-5 श्रृंखला के रॉकेटों की यह आखिरी परीक्षण उड़ान थी जिसके बाद चीन इसी वर्ष चंद्रमा पर अपने खोजी यान चेंज-5 को भेजेगी जो चंद्रमा से नमूने लेकर लौटेगा। 7.5 टन वजनी शिजियान-18 उपग्रह चीन का अत्याधुनिक प्रायोगिक उपग्रह है और अब तक चीन द्वारा प्रक्षेपित सबसे वजनी उपग्रह भी है।
इस लॉन्च के जरिए चीन अपने उपग्रह प्लेटफॉर्म डोंगफैंगहोंग (डीएफएच-5) का परीक्षण करेगा और कक्षा के अंदर के प्रयोगों को अंजाम देगा जिसमें क्यू/वी बैंड उपग्रह संचार, उपग्रह से जमीन पर लेजर के जरिए संचार प्रौद्योगिकी और अत्याधुनिक हल इलेक्ट्रिक प्रॉपल्सन सिस्टम का परीक्षण करेगा।
लॉन्ग मार्च-5 रॉकेट ने नवंबर, 2016 में वेनचांग से पहली बार उड़ान भरी थी। लॉन्ग मार्च-5 रॉकेट के पिछले संस्करण की अपेक्षा नए रॉकेट की क्षमता दोगुनी है। इसकी मदद से 25 टन तक के उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जा सकता है और 14 टन तक के उपग्रहों को पृथ्वी की भूभौतिकी कक्षा में स्थापित किया जा सकता है। इस रॉकेट में पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाने वाले ईंधन का इस्तेमाल किया गया है जिसमें केरोसीन, तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन शामिल है।
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