बाबा रामदेव की पतंजलि के 6 प्रोडक्‍ट नेपाल के लैब टेस्‍ट में फेल

 22 Jun 2017 ( परवेज़ अनवर, एमडी & सीईओ, आईबीटीएन ग्रुप )
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भारत में प्रोडक्‍ट क्वालिटी टेस्‍ट में फेल होने के बाद अब पतंजलि उत्पादों को पड़ोसी देश नेपाल में भी बड़ा झटका लगा है।

खबर के अनुसार, नेपाल में पतंजलि आयुर्वेद के छह मेडिकल प्रोडक्ट लैब टेस्ट में फेल हो गए हैं। क्वालिटी टेस्ट में फेल होने के बाद सरकार ने पतंजलि उत्पादों की नेपाल में खपत पर तत्काल रोक लगा दी है।

वहीं नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पतंजलि से अपने छह उत्पादों को वापस भारत भेजने को कहा हैं। दूसरी तरफ नेपाल सरकार ने देशभर में दुकानदारों से इन उत्पादों को ना बेचने की अपील की है। टेस्ट में फेल होने वाले छह मेडिकल उत्पादों में दिव्या गाशर चूर्ण, बकुची चूर्ण, आमला चूर्ण, त्रिफाला चूर्ण, अदिव्या चूर्ण और अस्वागंधा चूर्ण शामिल हैं।

सूत्रों के अनुसार, कुल सात उत्पादों का प्रोडक्ट क्वालिटी टेस्ट किया गया जिसमें महज एक उत्पाद को नेपाल में बेचनी की हरी झंडी मिल सकी है।

हाल ही में कनक मानी दिक्षित ने ट्वीट करते हुए बताया कि पतंजलि का आमला चूर्ण बैच नंबर AMC067, दिव्या गाशर चूर्ण बैच नंबर A-GHCI31, बकुची चूर्ण बैच नंबर BKC 011, त्रिफाला चूर्ण बैच नंबर A-TPC151, अस्वागंधा बैच नंबर AGC 081, अदिव्या चूर्ण बैंच नंबर DYC 059 माइक्रोबियल टेस्ट में फेल हो गए हैं।

इससे पहले सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली जानकारी के अनुसार, बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के कई उत्‍पाद उत्‍तराखंड की एक लैब द्वारा किए गए क्‍वालिटी टेस्‍ट में फेल हो गए थे।

हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार, सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिले जवाब में यह जानकारी दी गई। इसके अनुसार, हरिद्वार की आयुर्वेद और यूनानी कार्यालय में हुई जांच में करीब 40 फीसदी आयुर्वेद उत्‍पाद, जिनमें पतंजलि के उत्‍पाद भी शामिल हैं, मानक के मुताबिक नहीं पाए गए।

साल 2013 से 2016 के बीच इकट्ठा किए गए 82 सैम्‍पल्‍स में से 32 उत्‍पाद क्‍वालिटी टेस्‍ट पास नहीं कर सके। पतंजलि का 'दिव्‍य आंवला जूस' और 'शिवलिंगी बीज' उन उत्‍पादों में शामिल है जिनकी गुणवत्‍ता मानकों के अनुसार नहीं पाई गई।

बता दें कि पिछले महीने सेना की कैंटीन ने भी पतंजलि के आंवला जूस पर प्रतिबंध लगा दिया था। सेना ने यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल स्‍वास्‍थ्‍य प्रयोगशाला द्वारा की गई एक गुणवत्‍ता जांच में पतंजलि के उत्‍पाद के फेल होने पर की थी।

उत्‍तराखंड सरकार की लैब रिपोर्ट के अनुसार, आंवला जूस में तय की गई सीमा से कम पीएच मात्रा मिला। पीएच की मात्रा 7 से कम होने पर एसिडिटी व अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं पैदा होती हैं।

आरटीआई के जवाब से यह भी पता चला कि शिवलिंगी बीज का 31.68 फीसदी हिस्‍सा विदेशी था। हालांकि रामदेव के सहयोगी और पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्‍टर आचार्य बालकृष्‍ण ने लैब रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। उन्‍होंने एचटी से बातचीत में कहा, ''शिवलिंगी बीज एक प्राकृतिक बीज है। हम इसमें छेड़छाड़ कैसे कर सकते हैं?''

विज्ञापनों पर नजर रखने वाली संस्‍था एडवर्टाइंजिंग स्‍टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) की कंज्‍यूमर कंप्‍लेंट काउंसिल (सीआईसी) ने माना है कि पतंजलि का दंतकांति टूथपेस्‍ट, पतंजलि जूस और अमूल एपिक चोको आइसक्रीम सहित 98 उत्‍पाद ग्राहकों को भ्रमित करते हैं।

 

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