भारत में राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में विशेष अदालत ने गुरुवार को भारत के पूर्व संचार मंत्री ए राजा और द्रमुक नेता कनीमोई सहित सारे आरोपियों को बरी कर दिया।
विशेष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन इस मामले में आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में बुरी तरह विफल रहा है। विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने फैसले में पूर्व संचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, ए राजा के पूर्व निजी सचिव आर के चंदोलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर्स शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चन्द्रा और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (आरएडीएजी) के तीन शीर्ष कार्यकारी अधिकारी गौतम दोशी, सुरेन्द्र पिपारा और हरी नायर सहित 15 अन्य आरोपियों को भी बरी कर दिया गया।
इस मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने आरोप लगाया था कि 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंसों के आवंटन के दौरान 30,984 करोड़ रुपए के राजस्व की हानि हुई। उच्चतम न्यायालय ने दो फरवरी, 2012 को इन आवंटनों को रद्द कर दिया था।
विशेष अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच के दौरान सामने आए धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के मुकदमे में भी ए राजा और द्रमुक प्रमुख एम. करूणानिधि की पुत्री कनीमोई को बरी कर दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने अपने आरोपपत्र में द्रमुक प्रमुख एम. करूणानिधि की पत्नी दयालु अम्मल को भी आरोपी बनाया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि स्वान टेलीकॉम (प्राइवेट) लिमिटेड (एसटीपीएल) के प्रमोटर्स ने द्रमुक द्वारा संचालित कलैग्नार टीवी को 200 करोड़ रुपए दिए।
इनके साथ ही एसटीपीएल के शाहिद बलवा और विनोद गोयनका, कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, कलैग्नार टीवी के निदेशक शरद कुमार, बॉलीवुड फिल्म निर्माता करीम मोरानी और पी. अमृतम सहित 16 अन्य लोगों को भी धन शोधन मामले में अदालत ने बरी कर दिया है।
2जी मामले की सुनवाई के लिए 14 मार्च, 2011 को गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश ओ. पी. सैनी ने एस्सार समूह के प्रोमोटर्स रवि कांत रुइया और अंशुमन रुइया तथा छह अन्य लोगों को 2जी घोटाला जांच से जुड़े अन्य मामले में बरी कर दिया है।
रुइया के अलावा अदालत ने लूप टेलीकॉम के प्रमोटर्स आई. पी. खेतान और किरण खेतान तथा एस्सार समूह के निदेशकों में से एक विकास सर्राफ, लूप टेलीकॉम लिमिटेड, लूप मोबाइल (इंडिया) लिमिटेड और एस्सार टेलीहोल्डिंग लिमिटेड को भी अदालत ने बरी कर दिया है।
खचाखच भरे अदालत कक्ष में न्यायाधीश ने कहा, ''मुझे यह कहते हुए कोई संकोच नहीं है कि अभियोजन पक्ष किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई आरोप साबित करने में बुरी तरह असफल रहा है।''
विशेष अदालत ने गुरुवार को जिन तीन मामलों में फैसला सुनाया है। उनमें कई कंपनियों सहित कुल 35 आरोपी थे। पहले मुकदमे में अभियोजक सीबीआई ने 17 लोगों को आरोपी बनाया था, दूसरा मुकदमा प्रवर्तन निदेशालय का था जिसमें उसने 19 लोगों को आरोपी बनाया था। तीसरे मुकदमे में एस्सार के प्रमोटर्स सहित आठ लोगों को आरोपी बनाया गया था।
राजा और कनीमोई सहित सभी आरोपियों ने फैसले का स्वागत किया है और द्रमुक कार्यकर्ताओं ने अपने नेताओं के बरी होने पर जमकर जश्न मनाया।
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