चीन की एक कंपनी को सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हम्बनटोटा बंदरगाह में 80 प्रतिशत हिस्सेदारी सुपुर्द करने पर हजारों विपक्षी समर्थकों के विरोध को तवज्जो नहीं देते हुए चीन में श्रीलंका के राजदूत ने आज कहा कि भारत की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए बंदरगाह में चीनी सैन्य गतिविधियों की इजाजत नहीं दी जाएगी।
श्रीलंकाई राजदूत करूणासेना कोदितुवाक्कू ने श्रीलंका के स्वतंत्र दिवस समारोह से अलग मीडिया से बात करते हए कहा, मैं दूसरे देशों के बारे में नहीं जानता, लेकिन श्रीलंका ने साफ तौर पर (चीनी) निवेशक को सूचित कर दिया है कि इसे किसी सैन्य उद्देश्य के लिए उपयोग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
कोदितुवाक्कू का इशारा पाकिस्तान की ओर से ग्वादार बंदरगाह चीनियों को सौंपने की तरफ था।
उन्होंने स्थानीय लोगों और श्रमिक संगठनों के विरोध पर चीन की चिंता स्वीकार करते हुए कहा, एक छोटे समूह के विरोध के बावजूद सरकार आगे बढ़ेगी।
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